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बर्फीली हवाओं ने थामा बिहार का जनजीवन, स्कूलों पर ताला, सड़कों पर सन्नाटा

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पटना।बिहार में बीते तीन–चार दिनों से ठंड ने अपना सबसे सख्त रूप दिखाना शुरू कर दिया है। कड़ाके की शीतलहर और घने कोहरे ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। दिन भर सूरज के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं और सर्द हवाओं की चुभन से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।

हालात को देखते हुए राज्य के कई जिलों में पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। सरकारी, निजी विद्यालयों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों पर भी रोक लगाई गई है। प्रशासन का यह कदम खासतौर पर छोटे बच्चों को ठंड से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

मजदूरों पर सबसे ज्यादा मार
शीतलहर का सबसे गहरा असर दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा और ठेला चालकों पर दिख रहा है। ठंड के कारण बाजारों और सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है, जिससे रोज़ कमाने-खाने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चौक-चौराहों और मुख्य बाजारों में दिन के समय भी सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है।

कोहरा बना सफर की सबसे बड़ी चुनौती

सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा यातायात के लिए बड़ी बाधा बन गया है। सड़कों पर दृश्यता बेहद कम होने से वाहन चालकों को काफी सावधानी बरतनी पड़ रही है। आम लोगों के लिए यात्रा करना जोखिम भरा साबित हो रहा है।
सीतामढ़ी में 24 दिसंबर तक स्कूल बंद

सीतामढ़ी जिले में डीएम रिची पांडेय ने शीतलहर को देखते हुए सख्त आदेश जारी किया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूलों, प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों और कोचिंग संस्थानों में 12वीं तक की कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियों पर 24 दिसंबर तक रोक लगा दी गई है। हालांकि, बोर्ड और प्री-बोर्ड परीक्षाओं से जुड़ी विशेष कक्षाओं को इस आदेश से बाहर रखा गया है।
ट्रेनें भी ठंड के आगे बेबस
घने कोहरे का असर रेल यातायात पर भी साफ दिख रहा है। सीतामढ़ी जंक्शन पर कई ट्रेनें अपने तय समय से घंटों देरी से पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

कुल मिलाकर, ठंड और कोहरे ने बिहार की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। प्रशासन अलर्ट मोड में है, वहीं आम लोग फिलहाल गर्म कपड़ों और घरों के भीतर रहकर सर्दी से मुकाबला करने को मजबूर हैं।

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